धुआं जो कुछ घरों से उठ रहा है !!
न पूरे शहर पर छाए तो कहना !!
भर दो फिर आग उन बुझते चरागों में !!
जलाकर रख दे उन नफ़रत के अशियार्नो को !!
जीवन में उठना है तो भाजपा की तरह उठो !!
कि हर विपक्षी अपना कद छोटा महसूस करने लगे !!

देखी नही जाती दुनिया से शायर की ख़ुशी !!
कि अक्सर शायरों के दर्द ही मशहूर होते हैं !!
आसमां पे हैं ख़ुदा और जमीं पे हम !!
आज कल वो इस तरफ देखता हैं कम !!
आम आदमी पार्टी को देखो जहाँ-तहाँ देती हैं !!
धरना इनको भी सिखाओ वतन से इश्क करना !!
हमने दुःख के महासिन्धु से सुख का मोती बीना हैं !!
और उदासी के पंजो से हँसने का सुख छीना हैं !!
हम ना समझे थे बात इतनी सी !!
ख्वाब शीशे के दुनिया पत्थर की !!
बोलता ज्यादा हूँ पर नेता नहीं हूँ !!
बिना मतलब के किसी को कुछ देता नहीं हूँ !!
सरकार को गरीबों का ख्याल कब आता है !!
चुनाव नजदीक आ जाए तो मुद्दा उछाला जाता है !!
ये तेरे मन का खोट है जो तुझे सोने नहीं देता !!
मत दे दोष किसी को वक्त किसी का नहीं होता !!
कीमत तो खूब बढ़ गई दिल्ली में धान की !!
पर विदा ना हो सकी बेटी किसान की !!
वे सहारे भी नहीं अब जंग लड़नी है तुझे !!
कट चुके जो हाथ उन हाथों में तलवारें न देख !!
हम बार बार कहते रहे हम हिंदुस्तानी हैं !!
वो बार बार हमें धर्म समझा रहा था !!
जो तौर है दुनिया का उसी तौर से बोलो !!
बहरों का इलाका है ज़रा ज़ोर से बोलो !!
इसे भी पढ़े :- Mahadev Shiva Quotes in Hindi | महादेव पर कोट्स